एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में, जहां हर दिन की तरह उस दिन भी सब कुछ सामान्य था। लेकिन शाम होते-होते आसमान में काले बादल घिरने लगे। गाँव के लोग समझ गए कि जल्द ही बारिश होने वाली है।
गाँव के एक छोटे से घर में, गौरवी और उसका छोटा भाई हृद्यांश अपनी दादी के साथ रहती थीं। उस दिन भी वे दोनों स्कूल से लौटकर अपने होमवर्क में व्यस्त थे। अचानक, बिजली चमकी और ज़ोर की गरज सुनाई दी। हृद्यांश थोड़ा डर गया और दौड़कर अपनी दादी के पास चला गया।
दादी ने हंसते हुए उसे गोद में उठा लिया और कहा, “डरो मत बेटा, यह तो बस बारिश का संकेत है।”
थोड़ी ही देर में बारिश की बूंदें छम-छम कर जमीन पर गिरने लगीं। गौरवी और हृद्यांश खिड़की के पास जाकर बारिश को देखने लगे। उन्हें बारिश की आवाज़ बहुत प्यारी लग रही थी।
गौरवी ने उत्सुकता से पूछा, “दादी, बारिश क्यों होती है?”
दादी मुस्कुराईं और बोलीं, “बारिश इसलिए होती है ताकि धरती को पानी मिल सके। जब सूरज की गर्मी से पानी भाप बनकर उड़ जाता है, तो वह बादल बन जाता है। और जब बादल ठंडे हो जाते हैं, तो वे पानी की बूंदों के रूप में धरती पर गिरने लगते हैं। इसे ही बारिश कहते हैं।”
हृद्यांश ने कहा, “दादी, क्या आप हमें कोई कहानी सुनाएंगी?”
दादी ने हाँ कहा और एक प्यारी सी कहानी सुनाई:
“एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। उसकी छोटी सी खेती थी, लेकिन वह बहुत मेहनती था। एक बार गाँव में कई दिनों तक बारिश नहीं हुई। खेत सूखने लगे और किसान बहुत चिंतित हो गया। वह भगवान से बारिश के लिए प्रार्थना करने लगा।
एक दिन उसकी मेहनत रंग लाई और आसमान में बादल छा गए। थोड़ी ही देर में ज़ोर की बारिश होने लगी। किसान बहुत खुश हुआ और उसके खेतों में नई जान आ गई। उसने सीखा कि मेहनत और धैर्य से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।”
कहानी खत्म होने पर, गौरवी और हृद्यांश बहुत खुश हुए। उन्होंने सीखा कि जीवन में धैर्य और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
थोड़ी देर बाद बारिश रुक गई। आसमान में इंद्रधनुष दिखाई दिया। गौरवी और हृद्यांश ने दादी का धन्यवाद किया और सोने चले गए। वे दोनों इस कहानी को कभी नहीं भूले और हमेशा मेहनत और धैर्य का महत्व समझा।
इस तरह की कहानियाँ बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में सिखाती हैं और साथ ही उनके मन में जिज्ञासा और समझ भी बढ़ाती हैं।